निम्नलिखित राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों में रैगिंग विरोधी कानून हैं-
आंध्र प्रदेश-रैगिंग का मतलब एक ऐसा काम जो किसी छात्र के अपमान, उसकी चोट, झुंझलाहट, भय का कारण बनता है या उससे ऐसा होने की संभावना बनती है। हर कॉलेज, शैक्षणिक संस्थान, अनाथालय, बोर्डिंग होम, हॉस्टल या ट्यूटोरियल संस्थान या उनसे जुड़े किसी अन्य परिसर में यह निषिद्ध है। यदि संस्था के प्रमुख / प्रबंधक रैगिंग की शिकायत पर कार्रवाई नहीं करते हैं, तो उन्हें भी रैगिंग को प्रोत्साहित करने के लिए दंडित किया जा सकता है।
छत्तीसगढ़– रैगिंग में क्रियात्मक परिहास या अन्य तरीकों के माध्यम से किसी छात्र को कुछ ऐसा करने के लिए उकसाना या मजबूर करना शामिल है, जो उसकी गरिमा काे कम करता है या उसकी निजता को चोट पहुंचाता है। इसमें किसी छात्र को ग़लत तरीके से रोकना, गलत तरीके से बंद करना या चोट पहुंचाना या घायल करने की धमकी देना भी शामिल है। रैगिंग एक समझौता-अयोग्य, गै़र जमानती और संज्ञेय अपराध है और इसमें 5 साल तक की जेल के साथ रु. 5000 तक का दंड हो सकता है। छात्र को संस्था छोड़ने के लिए भी कहा जा सकता है।
असम– रैगिंग का अर्थ या तो उत्पाती व्यवहार या शोर भरा प्रदर्शन है, जो एक शैक्षणिक संस्थान में किसी भी छात्र को सामाजिक, शारीरिक या मनोवैज्ञानिक नुकसान पहुंचाने या उसकी आशंका या भय या शर्म या शर्मिंदगी का कारण बनता है। सरकार द्वारा संचालित इंजीनियरिंग कॉलेजों, विश्वविद्यालयों आदि सहित हाईस्कूल स्तर से ऊपर के किसी भी स्तर के हर कॉलेज में रैगिंग प्रतिबंधित है। रैगिंग के लिए सज़ा के साथ-साथ छात्र को कॉलेज से बाहर भी निकाला कहा जा सकता है।
गोवा– डिग्री कॉलेज और / या उच्चतर माध्यमिक कक्षाओं और / या पोस्ट ग्रेजुएट कक्षाओं, जूनियर कॉलेज, पॉलिटेक्निक या शिक्षा प्रदान करने वाले किसी भी अन्य संस्थान में रैगिंग निषिद्ध है। इसमें अनाथालय, बोर्डिंग होम, हॉस्टल, ट्यूटोरियल संस्थान या संस्थान से जुड़ा कोई अन्य परिसर आदि, सब शामिल हैं। जब भी शिक्षण संस्थान के प्रमुख को लिखित में रैगिंग की शिकायत की जाती है, तो उसे कार्रवाई करनी चाहिए। रैगिंग के दोषी किसी भी छात्र को शैक्षणिक संस्थान की नामावली से हटा दिया जाएगा और उसे 3 साल के लिए गोवा में किसी अन्य शैक्षणिक संस्थान में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश– वरिष्ठ छात्रों, भूतपूर्व छात्रों या बाहरी तत्वों की दबंगई को किसी भी कृत्य, व्यवहार, और आचरण द्वारा नये दाखिल हुए, या जूनियर छात्रों को दबाने, धौंस जमाने को रैगिंग के बतौर परिभाषित किया जाता है। इसमें शारीरिक / मानसिक प्रताड़ना, बल प्रयोग या धमकी, किसी छात्र की अस्मिता या गरिमा का उल्लंघन करने वाला कोई भी कृत्य या उसे उपहास और अवमानना का पात्र बनाना आदि शामिल हैं। किसी भी विश्वविद्यालय या कॉलेज,माध्यमिक शिक्षा प्रदान करने वाले किसी भी स्कूल, या दूसरे किसी भी स्कूल, पॉलिटेक्निक या तकनीकी शिक्षा प्रदान करने वाली संस्था आदि में रैगिंग की अनुमति नहीं है। रैगिंग का अपराध एक समझौता-योग्य, गै़र जमानती और संज्ञेय अपराध है।
हरियाणा– रैगिंग हर स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय, संस्थान में निषिद्ध है और इसमें संस्था द्वारा प्रदान की जाने वाली कैंटीन, छात्रावास या परिवहन आदि शामिल है। रैगिंग की घटना की प्रकृति और गंभीरता के आधार पर, संस्था-प्रमुख, छात्रवृत्ति या अन्य लाभों को वापस ले सकता है, किसी भी तरह की परीक्षा / परीक्षाएं देने से छात्र को वंचित कर सकता है आदि।
कर्नाटक– रैगिंग को एक छात्र द्वारा किसी भी ऐसी कार्रवाई के रूप में परिभाषित किया जाता है जो छात्रों की गरिमा का उल्लंघन करती है। इसमें किसी छात्र को घायल करना, ग़लत तरीके से बंद / सीमित करना या रोकना आदि भी शामिल हैं। निजी शिक्षण संस्थानों सहित शिक्षा प्रदान करने वाली किसी भी संस्था में रैगिंग की अनुमति नहीं है।
केरल– एक शिक्षण संस्थान के किसी छात्र के प्रति उस नियम-विरुद्ध कृत्य या आचरण को रैगिंग के बतौर परिभाषित किया जाता है जो शारीरिक या मानसिक नुकसान का कारण बनता है या जो ऐसी आशंका या डर को बढ़ाता है और उस छात्र को शर्मिंदा करता है। प्रत्येक संस्था में रैगिंग प्रतिबंधित है, और यदि संस्था प्रमुख को इस तरह की कोई शिकायत मिलती है, तो उसे इस बारे में पूछताछ करनी चाहिए, और यदि यह सत्य पाया जाता है, तो छात्र को निलंबित कर दिया जाएगा और शिकायत को स्थानीय पुलिस स्टेशन को अग्रेषित कर दिया जाएगा।
महाराष्ट्र– रैगिंग को हास्यास्पद क्रियाएं कराने, गाली देने, धमकी देने या या किसी छात्र को चोट पहुंचाने या किसी छात्र से कोई असामान्य / असहज काम करवाने के बतौर परिभाषित किया जाता है। अनाथालयों, बोर्डिंग घरों, हॉस्टलों, ट्यूटोरियल संस्थानों या अन्य संलग्न परिसरों सहित समस्त शिक्षण संस्थानों में रैगिंग प्रतिबंधित है। रैगिंग के लिए छात्र को बर्खास्त या निलंबित किया जा सकता है।
तमिलनाडु– रैगिंग को चिढ़ाने, गाली देने, धमकी देने या हास्यास्पद काम करवाने, किसी छात्र को चोट पहुंचाने या उससे कोई असामान्य काम करवाने के बतौर परिभाषित किया गया है। सभी शिक्षण संस्थानों में रैगिंग प्रतिबंधित है और किसी भी छात्र को रैगिंग करते हुए पाया गया तो उसे बर्खास्त या निलंबित कर दिया जाएगा।
तेलंगाना– रैगिंग को एक ऐसे कार्य के रूप में परिभाषित किया जाता है जो किसी छात्र में अपमान, गुस्सा, आक्रोश या भय का कारण बनता है। अनाथालयों, बोर्डिंग घरों, हॉस्टलों, ट्यूटोरियल संस्थानों या अन्य संबद्ध परिसरों सहित सारे शिक्षण संस्थानों में रैगिंग प्रतिबंधित है। रैगिंग करने पर छात्र को बर्खास्त या निलंबित किया जा सकता है।
त्रिपुरा– रैगिंग को एक ऐसी स्थिति के रूप में परिभाषित किया जाता है, जहां साथी छात्र शारीरिक या मानसिक रूप से मारपीट, धमकी, अपमान, चिढ़, पीड़ा या किसी अन्य प्रकार की यातना से पीड़ित होता है। सभी शिक्षण संस्थानों में रैगिंग प्रतिबंधित है। रैगिंग का अपराध संज्ञेय और गै़र जमानती है, और छात्र को संबद्ध संस्थान द्वारा अयोग्य घोषित किया जा सकता है और छात्रावास से बाहर भी निकाला जा सकता है।
उत्तर प्रदेश– ग़लत तरीकों से अड़ंगा लगाना, ग़लत तरीकों से बंद या सीमित करना या घायल करना या किसी छात्र को घायल करने की धमकी देना आदि रैगिंग में शामिल हैं। शिक्षा प्रदान करने वाले स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों आदि में रैगिंग प्रतिबंधित है। रैगिंग की किसी भी करतूत के लिए छात्र को संस्था से बहिष्कृत या निष्कासित किया जा सकता है।
पश्चिम बंगाल– चिढ़ाने, गाली देने, धमकी देने या हास्यास्पद काम करवाने या किसी छात्र को चोट पहुंचाने, या किसी छात्र से कोई असामान्य करने के लिए कहने आदि को रैगिंग में शामिल किया गया है। हॉस्टल परिसरों, कक्षाओं आदि सहित सभी शैक्षणिक संस्थानों में रैगिंग प्रतिबंधित है। रैगिंग करने पर किसी भी छात्र को संस्थान से बर्खास्त या निष्कासित किया जा सकता है।
Please login or Register to submit your answer