यह गाइड आपकी मदद कैसे कर सकती है?
यह गाइड नागरिक होने के तौर पर कानूनी तरीके से विरोध प्रदर्शन के आपके अधिकार को समझने में मदद करती है और आपको यह समझने का ज्ञान देती है कि कानूनन विरोध करने के क्या तरीके है और पुलिस एवं अन्य संबंधितों से आवश्यक अनुमति कैसे प्राप्त की जानी चाहिए।
विरोध प्रदर्शन के रूप में आपके अधिकार
यह गाईड आपके उन सभी अधिकारों की जानकारी भी प्रदान करती है जो विरोध प्रदर्शन करते हुए आपकी गिरफ्तारी की स्थिति में कानूनी समाधान के लिए आवश्यक हैं। यह विरोध प्रदर्शन करने के आपके अधिकार के अपवादों पर भी चर्चा करती है, जैसे कि वो हालात, जब पुलिस आवश्यक अनुमति देने से इनकार कर सकती है किसी भी प्रकार के विरोध प्रदर्शन के लिए।
गाइड में किन कानूनों पर चर्चा की जा रही है?
जिन कानूनों के तहत आपको विरोध प्रदर्शन करने के लिए अनुमति प्राप्त करने की आवश्यकता है। इस बात का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ‘कानून और व्यवस्था‘ का विषय भारत के संविधान, 1950 की राज्य सूची के तहत कवर होता है। इसका अर्थ है कि हर राज्य को अपने राज्य क्षेत्र में कानून और व्यवस्था बनाने के लिये स्वयं कानून एवं नियम बनाने का अधिकार है इसलिए, विरोध प्रदर्शन करने एवं सार्वजनिक सभाएं करने की अनुमति के लिए आवेदन करने के नियम प्रत्येक राज्य में भिन्न होंगे। उदाहरण के लिए, कर्नाटक पुलिस अधिनियम, 1963 जो सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने से संबंधित है, वो कर्नाटक राज्य में विरोध प्रदर्शन के लिए अनुमति प्रदान करने के नियमों से शासित है।
यह गाइड आपको प्रदान की जाने वाली सभी प्रकार की अनुमतियों का एक सामान्य अवलोकन प्रदान करेगी और इसके लिए संपर्क किए जाने वाले सभी अधिकारियों को सूची उपलब्ध कराएगी।
विरोध प्रदर्शन का अधिकार
विरोध प्रदर्शन करने का अधिकार क्या है?
भारत के नागरिक के रूप में, भारत के संविधान, 1950 के अनुच्छेद 19 के तहत आपको प्रदत्त भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और बिना हथियारों के सार्वजनिक स्थान पर इकट्ठा होने का अधिकार जैसे दो मौलिक अधिकारों के तहत विरोध प्रदर्शन का अधिकार मिलता है। हालांकि, यह जानना महत्वपूर्ण है कि यह अधिकार बिना शर्त अधिकार नहीं है। इस अधिकार की सीमाएं और अपेक्षाएं होती हैं इसका मतलब है कि आप शांतिपूर्ण सार्वजनिक सभा के माध्यम से विरोध प्रदर्शन करने के अपने अधिकार का प्रयोग कर सकते हैं बशर्ते कि आप सभी अधिकारियों से अनुमति प्राप्त करते हैं और ऐसा करते समय सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखते हैं।
विरोध प्रदर्शन का अधिकार संविधान का पालन करने के लिए निहित हमारे संवैधानिक दायित्वों से जुड़ा होता है:
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सामंजस्य और सामान्य भाईचारे की भावना को बढ़ावा देना
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सार्वजनिक संपत्ति की रक्षा करना
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हिंसा निषेध करना
कई वर्षों से उच्चतम न्यायालय के समक्ष लाए गए कई मामलों में विरोध प्रदर्शन के अधिकार को,लोकतंत्र का अभिन्न भाग होने की पुष्टि की है और राज्य प्राधिकारियों द्वारा और नागरिकों द्वारा इस अधिकार के पालन करने के लिए निदेश दिये हैं ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि इस अधिकार का कानूनी तरीके से पालन होता है।
विरोध प्रदर्शन की अनुमति कैसे प्राप्त करें
यदि आप विरोध प्रदर्शन के उद्देश्य से एक जनसभा का आयोजन करना चाहते हैं, तो आपको कुछ शर्तें और आवश्यकताएं पूरी करनी होंगी।
आवेदन कहाँ करें?
आप उस क्षेत्र के पुलिस स्टेशन से अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) प्राप्त करना होगा जिनके अधिकार क्षेत्र में आपने विरोध प्रदर्शन के लिए जनसभा करने वाले हैं पुलिस डिपार्टमेंट्स के पास अनुमति प्राप्त करने के लिए कोई विशेष फॉर्म या अनुमति पत्र हो सकता है, जिसे आप को भरना हो सकता है। यदि विरोध प्रदर्शन एक रैली या सार्वजनिक सभाओं के रूप में होता है और वह स्थान एक से अधिक पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र के अधीन होता हैं, तो आयुक्त कार्यालय या पुलिस उपायुक्त के कार्यालय से अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करें
आवेदन में कौन से सभी विवरण क्या शामिल किए जाने चाहिए?
एन.ओ.सी या विरोध प्रदर्शन के आवेदन के लिए किसी विशिष्ट अनुमति के लिए निम्नलिखित विवरण होने चाहिए:
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अन्य विवरण के साथ आपका नाम, पता और संपर्क सं.
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विरोध प्रदर्शन के संचालक विरोध प्रदर्शन के कारण । विरोध प्रदर्शन की अवधि
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भाग लेने वाले लोगों की अनुमानित संख्या
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सभा का स्थान
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रैली का मार्ग (यदि कोई हो)
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उपयोग किए जाने वाले उपस्करों के विवरण जैसे लाउडस्पीकर, टेंट, पंडाल आदि
लाउडस्पीकरों के उपयोग के लिए और तम्बू या पंडाल जैसी अस्थायी संरचनाओं को खड़ा करने के लिए अलग से अनुमति की आवश्यकता होती है। लाउडस्पीकर और टेंट का उपयोग करने के लिए अलग से भरे जाने वाले फार्म के आवेदन के लिए कृपया पुलिस स्टेशन के अधिकारियों से जानकारी प्राप्त करें।
आप आवेदन कैसे जमा करें?
आपका आवेदन उल्लिखित विवरण के साथ एक साधारण पत्र प्रारूप में हो सकता है यदि आपके शहर में पुलिस विभाग के पास भरने के लिए कोई विशेष फार्म नहीं है तो
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आवेदन उस पुलिस स्टेशन के उच्चतम रैंकिंग अधिकारी पुलिस उपायुक्त (यदि कमिश्नर कार्यालय में प्रस्तुत की जाती है) को संबोधित किया जाना चाहिए
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आपके आवेदन के साथ आपके पहचान प्रमाण, निवास प्रमाण, फोटोग्राफ और आवेदन की आवश्यकतानुसार अन्य सभी संगत दस्तावेज होने चाहिए।
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पत्र की दो प्रतियां लेकर जाएं एक प्रति पुलिस स्टेशन/पुलिस अधिकारी/इंचार्ज अधिकारी को दें और दूसरी प्रति अपने रिकॉर्ड के लिए हस्ताक्षरित और/या मुहर लगाएं।
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आवेदन पत्र जमा करते समय, आपका आवेदन प्राप्त करने वाला पुलिस अधिकारी, विरोध प्रदर्शन में उतरे लोगों के लिए, भीड़ नियंत्रण की व्यवस्था, पानी की सुविधाओं, बाथरूम आदि तक पहुंच के बारे में अतिरिक्त जानकारी, सभा में उपस्थित होने के लिए पुलिस अधिकारियों के साथ समन्वय के लिए विवरण, आदि पूछ सकता है। कुछ मामलों में पुलिस ,आपको और/या अन्य आयोजक से इन विवरणों को प्रदान करने के लिए एक हलफनामा प्रस्तुत करने के लिए कह सकती है।
क्या शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के लिए अनुमति देने से इनकार किया जा सकता है?
हाँ, पुलिस अधिकारी विरोध प्रदर्शन की अनुमति देने से इनकार कर सकते हैं। जहां आपको विरोध करने का अधिकार है, साथ ही, आपको यह जान लेना आवश्यक है कि यह बिना शर्त अधिकार नहीं है। भारत के संविधान, 1950 द्वारा इस अधिकार पर कुछ उचित प्रतिबंध लगाए गए हैं, जिसके तहत पुलिस आपके अनुरोध को अस्वीकार कर सकती है।
पुलिस आपके अनुरोध या अनुमति देने से इनकार कर सकती है यदि आपका विरोध निम्नलिखित में से किसी को प्रभावित कर सकता है:
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भारत की प्रभुता और अखंडता का हित
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राज्य की सुरक्षा
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अन्य राज्यों के साथ अनुकूल संबंध
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सार्वजनिक व्यवस्था
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शिष्टाचार व नैतिकता
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न्यायालय की अवमानना, मानहानि अथवा अपराध के लिए उकसाने के संबंध में
किसी एरिया विशेष में विरोध प्रदर्शन करने के आपके आवेदन पर विचार करते समय पुलिस को उस क्षेत्र की जनता के हितों और सामान्य व्यवस्था के मुद्दे को ध्यान में रखना होगा। यदि पुलिस राज्य के अधिकारी जैसे जिला मजिस्ट्रेट आपके अनुरोध को स्वीकार करते हैं या आपकी दी हुई अनुमति वापस लेते हैं, तो उन्हें आपके विरोध प्रदर्शन / लोगों के इकट्ठा होने से उत्पन्न जोखिमों की प्रकृति और जारी विरोध प्रदर्शन पर निषेधात्मक आदेश लागू करने के कारणों के लिए विशिष्ट कारण प्रदान करना चाहिए।।
क्या जारी शांतिपूर्ण विरोध की अनुमति रद्द की जा सकती है?
हाँ, जारी शांतिपूर्ण समारोहों या विरोध प्रदर्शन के लिए अनुमतियां निरस्त की जा सकती हैं, अपराध संहिता (Code of Criminal Procedure) की धारा 144 के तहत एक निषेधात्मक आदेश देकर। इसे अक्सर एक विशेष क्षेत्र में कर्फ्यू लगाने के रूप में जाना जाता है।
निषेध आदेश क्या है और इसे कैसे लागू किया जाता है?
निषेध आदेश जिला मजिस्ट्रेट, सब डिविज़नल मजिस्ट्रेट अथवा राज्य द्वारा सशक्त कार्यकारी मजिस्ट्रेट द्वारा पारित एक आदेश है और जब इस तरह के आदेश या निर्देश को रोका जाता है या रोके जाने की संभावना है तब निम्न के संबंध में तात्कालिक रोकथाम की आवश्यकता है
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किसी व्यक्ति को बाधा, तकलीफ या चोट या मानव जीवन के लिए खतरा.
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स्वास्थ्य, सुरक्षा, या सार्वजनिक शांति में गड़बड़ी
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दंगा या हंगाम
धारा 144 आदेश या तो व्यक्तियों या किसी स्थान पर रहने वाले व्यक्तियों के समूह या सामान्यतः किसी विशेष स्थान पर जाने के लिए निर्देशित किया जाता है। न्यायालयों ने माना है कि पुलिस मनमाने ढंग से ऐसे आदेश नहीं दे सकती है। भले ही कानून की व्यवस्था के अधीन उचित प्रतिबंधों के तहत आदेश दिया जा रहा हो, लेकिन इस तरह के निवेश को लागू करने के लिए पर्याप्त कारण प्रदान करना चाहिए। इसके अलावा, अगर जारी विरोध प्रदर्शन को हिंसक बनने से रोकने के लिए एक धारा 144 आदेश लगाया जाता है, तो भी पुलिस को सार्वजनिक स्थान या सभा से बाहर निकलने वाले लोगों को पर्याप्त नोटिस प्रदान किया जाता है।
अगर अनुमति से इनकार किया जाता है, ता क्या आप अपील कर सकते हैं?
यदि सार्वजनिक सभा आयोजित करने या विरोध प्रदर्शन के लिए एक रैली आयोजित करने के लिए आपके आवेदन को पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ निरीक्षक या पुलिस उपायुक्त (डी.सी.पी) द्वारा अस्वीकार कर दिया जाता है तो आप अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (ए.सी.पी) को अपील कर सकते हैं आवेदन पर विचार करने का समय प्रत्येक राज्य में भिन्न होता है। कर्नाटक में, आपके आवेदन पर प्रतिक्रिया देने के लिए डीसीपी 10 कार्यदिवसों तक ले सकता है और एसीपी आपकी अपील का जवाब देने के लिए कार्यदिवसों तक ले सकता है।
विरोध प्रदर्शन के दौरान इन बातों पर ध्यान दें
प्रत्येक विरोध प्रदर्शन के दौरान कौन–कौन से महत्वपूर्ण कदम उठाने होंगे?
हमेशा किसी विरोध प्रदर्शन के दौरान नीचे दिए गए उपायों का पालन करना याद रखना:
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अपने साथ अनुमति पत्र रखें: कृपया सुनिश्चित करें कि आपके और विरोध प्रदर्शन के अन्य सभी आयोजनों के पास लाउडस्पीकर, टेंट आदि के उपयोग के लिए दी गई अनुमति या दी गई किसी अन्य अनुमति की प्रतियां उपलब्ध हों
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सामाजिक व्यवस्था बनाए रखना: विरोध प्रदर्शन के एक आयोजक या के भागीदार के रूप में, आपका यह मौलिक कर्तव्य है कि सामाजिक व्यवस्था बनाए रखने और शांतिपूर्ण तरीके से अपने विचार व्यक्त करें। भाषण और अभिव्यक्ति के अपने मौलिक अधिकार का प्रयोग करने का आपका अधिकार अन्य नागरिकों को सार्वजनिक स्थानों या सेवाओं तक पहुंचने के अधिकारों का उल्लंघन नहीं करना चाहिए जो विरोध प्रदर्शन में भाग नहीं ले रहे हैं।
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प्रदर्शन के लिए निर्दिष्ट क्षेत्रों के भीतर रहें: आपको यह भी सुनिश्चित करना होगा कि विरोध प्रदर्शन के लिए सीमांकित क्षेत्र तक ही भीड़ जमा होना सीमित हो जिसके लिए पुलिस द्वारा अनुमति प्रदान की गई है यह आवश्यक है कि आप निजी संपत्ति में अनधिकार प्रवेश न करें। यदि विरोध प्रदर्शन एक प्राइवेट प्रॉपर्टी पर किया जा रहा है, तो उस प्राइवेट प्रॉपर्टी के मालिक से पूर्व एनओसी लेना होगा।
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पुलिस के साथ सहयोग करें यदि विरोध हिंसक हो जाता है और लड़ाई या दंगे भड़क उठते हैं, तो पुलिस अधिकारियों द्वारा की जा रही नियंत्रण कार्रवाई में सहयोग दें
वर्ष 2020 में, सर्वोच्च न्यायालय ने नागरिकत्व (संशोधन) अधिनियम, 2019 का विरोध करते हुए शाहीन बाग विरोध प्रदर्शन के संदर्भ में एक निर्णय दिया। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि नागरिकों को शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने का अधिकार है, असहमति दर्शाने वाला प्रदर्शन केवल निर्दिष्ट स्थानों पर ही होना चाहिए।
न्यायालय ने यह भी कहा कि सार्वजनिक मार्ग और सार्वजनिक स्थान स्थायी तौर पर विरोध कर्ताओं द्वारा अधिकार में नहीं लिए जा सकते है। विरोध प्रदर्शन का अधिकार को यात्रियों को आसानी से सार्वजनिक सड़कों और रास्तों तक पहुँचने के अधिकार के साथ संतुलन रखना चाहिए।
यदि विरोध प्रदर्शन के दौरान आपको गिरफ्तार किया जाता है तो आपके अधिकार क्या हैं?
विरोध प्रदर्शन के दौरान, यदि आप एक आयोजक या एक भागीदार के रूप में गिरफ्तार हो जाते हैं तो आपको निम्नलिखित अधिकार हैं:
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परिवार के किसी सदस्य या मित्र को अपनी गिरफ्तारी के बारे मे सूचित करने का अधिकार
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अधिवक्ता की सेवाएं लेने का अधिकार
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यदि आप अधिवक्ता लेने में असमर्थ हैं तो आप जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से परामर्श कर सकते हैं
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आप के खिलाफ लगाए जा रहे आरोपों के बारे में आपको सूचित करने का अधिकार जो गिरफ्तारी ज्ञापन में दर्ज हैं
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हस्ताक्षर करने से पहले गिरफ्तारी ज्ञापन को पढ़ने और उसकी जांच करने का अधिकार
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आप को भी इस गिरफ्तारी ज्ञापन की एक प्रति दी जानी चाहिए
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आप को सूचित किया जाना चाहिए कि जिस अपराध के लिए आप पर आरोप लगाया जा रहा है वह जमानती या गैर जमानती है। यदि यह जमानती अपराध है, तो आप जमानत राशि का भुगतान कर सकते हैं और रिहा हो सकते हैं। यदि यह गैर जमानती अपराध है, तो उसकी गिरफ्तारी के 24 घंटे के भीतर मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाना चाहिए।
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यदि आपको चोट लगी है, तो चोटों के स्वरूप के बारे में गिरफ्तारी मेमों में दर्ज किया जाना चाहिए और आपको एक सिविल सर्जन/सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए इलाज के लिए ले जाना चाहिए।
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यदि आप एक महिला हैं, कृपया ध्यान दें कि आपकी गिरफ्तारी केवल महिला पुलिस अधिकारी द्वारा ही की जा सकती है
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यह भी ध्यान रखना जरूरी है कि महिलाओं को सूर्यास्त और सूर्योदय के बीच, अर्थात 6 बजे और 6 बजे.के बीच गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है।
अपवाद स्वरूप मामलों में यदि स्त्री को रात में गिरफ्तार किया जाता है तब महिला पुलिस अधिकारी को स्थानीय न्यायिक मजिस्ट्रेट से लिखित में अनुमति लेनी होती है। गिरफ्तारी के कानून के बारे में अधिक जानने के लिए, कृपया गिरफ्तारी पर न्याया एक्सप्लेनर को पढ़ें।
संसाधन
संपर्क सूचना
आपातकालीन नंबर्स
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पुलिस नियंत्रण कक्ष-100/112 एम्बुलेंस 102
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फ़ायर ब्रिगेड-101
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पुलिस संपर्क नंबर्स
दिल्ली पुलिस संपर्क नंबर्स यहाँ दिए है
मुंबई पुलिस संपर्क नंबर्स यहां दिए हैं।
बैंगलूरू पुलिस संपर्क नंबर्स यहाँ दिए है
कोलकाटा पुलिस संपर्क नंबर्स यहां दिए हैं।
सूचना का स्रोत
विधान
भारत का संविधान, 1950
दंड प्रक्रिया संहिता, 1973
चेकलिस्ट
गाइड के संबंध में किए जाने वाले उपायों के लिए उपयोगकर्ताओं द्वारा बिंदुओं (कालानुक्रमिक नीति में) सूचीबद्ध करें
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इस बात की जांच करें कि जिस एरिया में आप विरोध प्रदर्शन करना चाहते हैं , वहाँ कर्फ्यु या धारा 144 जैसे कोई निषेधात्मक आदेश तो नहीं है।
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स्थानीय पुलिस या पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) कार्यालय से अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) के लिए आवेदन करें
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एनओसी आवेदन में विरोध प्रदर्शन की अवधि तथा उसके कारण का सही विवरण का उल्लेख करें ।
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विरोध प्रदर्शन के लिए लाउडस्पीकर व टेंट के लिए अलग से अनुमति प्राप्त करें
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विरोध प्रदर्शन के दौरान प्राथमिक उपचार पानी आदि की व्यवस्था करें
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यह सुनिश्चित करें कि विरोध शांतिपूर्ण और हिंसा के बिना है
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